14 साल की मेहनत: 1000 साल पुराने बीज से उगा दिए लुप्त पेड़ Rahul Saharan, September 26, 2024September 26, 2024 राम राम किसान साथियों जैसा की आप सभी को मालूम है की आज का युग विज्ञान का युग है। और आज के इस आधुनिक युग में विज्ञान के द्वारा मुश्किल से मुश्किल काम को आसान किया जा सकता है। तकनीकों के उपयोग के द्वारा कुछ नया आविष्कार किया जा सकता है। ऐसा ही एक कारनामा अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, फ़्रांस, स्विट्ज़रलैंड, इजराइल तथा स्वीडन के वैज्ञानिको ने कर के दिखाया है। इन्होने 14 साल लगातार मेहनत के द्वारा 1000 साल पुराने बीज से पेड़ उगा दिया है।किसान साथियों हाल ही में वैज्ञानिकों को एक ऐसी खोज में कामयाबी मिली है जो की आने वाले समय में पर्यावरण से लुप्त होने वाले पौधों की प्रजातियों को फिर से उगाने में सफल बना सकेंगी। वैज्ञानिकों के द्वारा हाल ही में पेड़ों की एक लुप्त हो चुकी प्रजाति जिसके पेड़ का नाम शेबा है। इसको उगाने में सफलता हासिल की है। यह पेड़ इजराइल के वेस्ट बैंक में स्थित जुडियल रेगिस्तान में पाया जाता है। किसान साथियों वैज्ञानिकों के अनुसार यह पेड़ लगभग 993 ईसवी से 1202 ईसवी के बिच में प्राचीन दक्षिणी लेवंट में पाया जाता था। अर्थात आज से तक़रीबन 1031 से 822 साल पूर्व में। प्राचीन लेवंट के क्षेत्र में आज के समय फिलिस्तान, जॉर्डन तथा इजराइल है।आपको बता दे की इस पेड़ के बारे में ईसाई धर्म के पवित्र ग्रंथ बाइबिल में भी बताया गया है। परन्तु आज के समय इस प्रजाति का एक भी पेड़ हरा-भरा मौजूद नहीं है। क्योकि यह प्रजाति बदलते पर्यावरण के कारण लुप्त हो गयी है। लेकिन खुशकिस्मती ये है आज इस पेड़ के हरा भरा होने से इसकी वापस आने की उम्मीद जग गयी है। और इस पेड़ के बहुत सारे औषधीय महत्व भी है। परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण यह पेड़ इतने अधिक औषधीय महत्व होने के बावजूद हजारों साल पहले लुप्त हो गया है।Also Read भीलवाड़ा के धाकड़ खेड़ी गांव की पहचान बनती जा रही जैविक खेती : जानिए जैविक खेती में सफल किसानों की कहानी किसान साथियों वैज्ञानिकों के अनुसार उनको इस पेड़ का बीज जुडियल रेगिस्तान में एक गुफा के अंदर से सन 1980 के दशक में प्राप्त हुआ था। जिस पर वैज्ञानिको में सन 2010 में खोज करनी शुरू की थी और आअज पुरे 14 साल बाद वे इस बीज से पेड़ को उगाने में कामयाब हो गए है। इस खोज को इजराइल की यरुशलम राजधानी के नेचुरल मेडिसिन रिसर्च सेंटर की विशेषज्ञ साराह सेलॉन के नेतृत्व में अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, फ़्रांस, स्विट्ज़रलैंड, इजराइल तथा स्वीडन के वैज्ञानिको ने मिलकर के किया है।वैज्ञानिको की इस खोज के अनुसार इस पेड़ के बीज के DNA की टेस्टिंग करने के बाद इस बीज के रसायन और रेडियोकार्बन का बहुत ही बारीकी से विश्लेषण किया तथा इसको फिर से उगाने के लिए फॉर्मूले की खोज करने तथा उसकी पूर्णतया: पुष्टि होने के बाद वैज्ञानिको ने इस बीज को उगाने के लिए मिट्टी में दबा दिया। तथा इसका सम्पूर्ण परक्रम वैज्ञानिकों की देखरेख में किया गया। कुछ समय बाद यह बीज अंकुरित हो गया। और आज ये पेड़ बनकर तैयार है। परन्तु अभी तक इस पर फूल नहीं आये है।किसान साथियों वैज्ञानिको में 1000 साल पहले के पेड़ के बीज से इतने साल बाद फिर से इसे उगाने में कामयाबी हासिल कर ली है। यह एक बहुत ही बड़ी कामयाबी है लेकिन फिर भी वैज्ञानिक अब भी इस पर खोज कर रहे है। अब वैज्ञानिक इस पेड़ से रेसिन (राल) को निकालने के बारे में खोज करने में लग गए है। क्योकि वैज्ञानिको के अनुसार ईसाइयों के पवित्र ग्रंथ बाइबिल में इस पेड़ की राल को औषधीय महत्व की दृष्टि से बहुत अधिक उपयोगी बताया गया है। कृषि समाचार