कार्बन फार्मिग (Carbon farming): जाने पूरी जानकारी Rahul Saharan, July 30, 2024July 30, 2024 कार्बन फार्मिग (Carbon farming)- राम राम किसान साथियो जैसा की आप सभी को मालूम है कि कार्बन का अत्यधिक उत्सर्जन हम सब के लिए परेशानी का सबक बनता जा रहा है। लेकिन आज हम लेकर आये है आपके लिए एक ऐसी खुशखबरी जिससे सुनने के बाद आपकी सारी चिंताए गायब हो जाएगी। हम लेकर आये है आपके लिए कार्बन फार्मिग (Carbon farming)। कार्बन फार्मिंग किसानो के लिए आय के नए रास्ते खोल रही है।कार्बन फार्मिंग के द्वारा किसान अपने खेतो की मिट्टी की उर्वरता में इजाफा कर सकते है। आज पुरे विश्व के किसान कार्बन फार्मिंग की और अग्रसर हो रहे है तथा अपनी-अपनी आय में इजाफा कर रहे है। क्योकि आज पुरे विश्व में ऑर्गेनिक चीज़ों की मांग लगातार बढ़ती ही जा रही है। और भारतीय किसान इस पद्धति का प्रयोग करके अच्छा खासा पैसा कमा रहे है। आज कल ऑर्गेनिक चीज़ो के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है। और ऑर्गेनिक चीज़े हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अधिक लाभदायक है।Also Read केंचुआ खाद (Vermicompost) कैसे तैयार करें: जानिए आसान विधि और इसके लाभ कार्बन फार्मिग (Carbon farming) क्या है-कार्बन फार्मिंग खेती की ऐसी पद्धति है जिसमे खेती करते समय कार्बन की मात्रा का उत्सर्जन बिलकुल ना के बराबर होता है। इसे कार्बन फ्री खेती भी कहा जा सकता है। इससे मिट्टी के अंदर कार्बन की मात्रा में इजाफा होता है। जब कार्बन उत्सर्जनकम हो और मिट्टी में कार्बन की मात्रा में इजाफा होता है तो वह एक सफल कार्बन फार्मिंग मानी जाती है। कार्बन फार्मिंग के द्वारा मिट्टी की उत्पादक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है तथा ग्रीन हाउस गैस को कम किया जा सकता है।कार्बन फार्मिग (Carbon farming) कैसे करें-1. कार्बन फार्मिंग का पहला तरीका- इसमें सबसे पहले भूमि की जुताई करने की मात्रा को कम कर दे। मिटटी की अत्यधिक गहराई तक जुताई न करे। अत्यधिक गहरी जुताई करने से मिट्टी के अंदर उपस्थित कार्बनिक पदार्थों का अपघटन हो जाता है जिससे कार्बन का उत्सर्जन हो जाता है।2. कार्बन फार्मिंग का दूसरा तरीका- इसमें किसान ऑर्गेनिक खाद के उपयोग में बढ़ोतरी करने और रासायनिक उर्वरको के उपयोग में कमी लाकर भी कार्बन फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा सकता है।3. कार्बन फार्मिंग का तीसरा तरीका- इसमें किसानो को सभी प्रकार की खेती को मिश्रित रूप से करना चाहिए। जिससे की मिटटी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाया जा सके। जुताई करते समय पत्तियों को मट्टी में ही मिला दे जिससे मिट्टी में कार्बन की मात्रा में बढ़ोतरी होगी। मिश्रित खेती में आप अरहर और मूंग की एक साथ खेती कर सकते है। इसकी एक साथ खेती करने से मिट्टी के अंदर नाइट्रोजन की मात्रा में भी बढ़ोतरी होगी।इसके साथ साथ आप अधिक से अधिक पेड़ लगाकर, मैदानों को बचाकर तथा वनो के उन्मूलन को रोककर के भी कार्बन फार्मिंग की दर में इजाफा किया जा सकता है।Also Read रासायनिक खाद के प्रयोग से जमीन हो रही बंजर : जानिए कारण कार्बन फार्मिग (Carbon farming) का महत्व क्या है- आज पुरे विश्व में कार्बन फार्मिंग को अपनाया जा रहा है। कार्बन फार्मिंग का महत्व हमारे लिए बहुत ही अधिक है। पुरे विश्व में जितनी ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन होता है उसका तीसरा हिस्सा (33%) अकेला मिट्टी से उत्सर्जित होने वाली कार्बन के द्वारा होता है। इसी वजह से पुरे विश्व में कार्बन फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। कार्बन फार्मिंग के द्वारा किसानो को शुद्ध एवं पौष्टिक आहार कहने को मिलता है। जो की हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।भारत के किसानो के लिए कार्बन फार्मिंग एक बहुत ही अच्छा स्त्रोत माना जा रहा है। कार्बन फार्मिंग के द्वारा भारत के किसान पुरे विश्व को इसकी और अग्रसर करने के काबिल है। भारत के किसान कार्बन फार्मिंग के द्वारा बहुत अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है। आज पुरे विश्व में कार्बनिक उत्पादों की मांग बढ़ती जा रही है। इस बढ़ती हुई मांग के कारण कार्बनिक उत्पादों के दामों में भी लगातार वृद्धि होती जा रही है। भारत के किसान और सरकार मिलकर कार्बनिक उत्पादों को सही से ब्रांडिंग कर के पुरे विश्व में इसकी मांग को तेजी से बढ़ा सकते है।Disclaimer– हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल/फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते हैं, हम सिर्फ आप तक बाजार के भाव पहुंचाने का प्रयास करते हैं जिससे आपको अपना निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी सम्बन्धित कृषि मंडी सिमिति से भाव की पुष्टि जरुर कर ले।आपके किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। कृषि सलाह