कृषि भारत-2024 कार्यक्रम: जानिए कृषि क्षेत्र में डिजिटल एग्रीकल्चर और टेक्नोलॉजी के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने की संभावनाएं Rajendra Suthar, November 20, 2024November 20, 2024 CM Yogi Speech: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में ‘कृषि भारत 2024’ कार्यक्रम (Krishi Bharat-2024 Karyakram) के उद्घाटन अवसर पर कृषि क्षेत्र में आने वाली संभावनाओं और सुधारों के बारे में महत्वपूर्ण बातें साझा की। उनका यह बयान न केवल राज्य के कृषि विकास को लेकर एक नई दिशा की ओर इशारा करता है, बल्कि यह पूरे देश के कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने के लिए एक रोडमैप तैयार करता है। योगी जी ने इस कार्यक्रम में कहा कि कृषि क्षेत्र को सुधारने और राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने में कृषि का योगदान महत्वपूर्ण होगा। उनका मानना है कि कृषि क्षेत्र में नवाचार, तकनीक का इस्तेमाल और उद्यमिता को बढ़ावा देकर हम अपने किसानों की आय बढ़ा सकते हैं और देश के कृषि उत्पादन को दोगुना कर सकते हैं।कृषि उत्पादन में एक महत्वपूर्ण भूमिकायोगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अपने भाषण में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की कृषि स्थिति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 25 करोड़ आबादी में से लगभग 17 प्रतिशत कृषि से जुड़ी हुई है। हालांकि प्रदेश के पास देश की कुल कृषि योग्य भूमि का केवल 11 प्रतिशत हिस्सा है, फिर भी उत्तर प्रदेश का कृषि उत्पादन (Uttar Pradesh Krishi Utpadan) देश के कुल कृषि उत्पादन का 20 प्रतिशत है। यह आंकड़ा यह साबित करता है कि राज्य के पास कृषि क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश के उत्तम जल संसाधन, उर्वर भूमि और मेहनती किसानों की ताकत से कृषि उत्पादन को और अधिक बढ़ाया जा सकता है।Uसीएम योगी ने इस बात पर जोर दिया कि अगर हम सही तकनीकों और नवाचारों का इस्तेमाल करें, तो प्रदेश का कृषि उत्पादन तीन से चार गुना बढ़ाया जा सकता है। डिजिटल कृषि (Digital Krishi) और तकनीकी सुधार इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकते हैं। अगर हम किसानों को नई तकनीकों से लैस करें और उन्हें बाजार से जुड़ने के अवसर प्रदान करें, तो कृषि क्षेत्र में एक नया युग शुरू हो सकता है।कृषि क्षेत्र में नवाचार और तकनीक का महत्व (Krishi Technology)योगी जी ने कहा कि कृषि को सिर्फ परंपरागत तरीके से न देखकर इसे एक उद्यमिता के रूप में देखना चाहिए। इसके लिए उन्होंने आधुनिक तकनीकों (Modern Technology) के इस्तेमाल पर जोर दिया, ताकि किसानों की उत्पादकता बढ़ सके और उनकी आय में भी इजाफा हो सके। उदाहरण के लिए, ड्रोन(Dron), एग्रीटेक(Agritech), स्मार्ट सेंसर(Smart Sensor), और डेटा एनालिटिक्स (Data Analytics) जैसे आधुनिक उपकरणों का उपयोग कृषि कार्यों को स्वचालित करने, कीट नियंत्रण और जल प्रबंधन में मदद कर सकता है। इन तकनीकों से न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि किसानों को अपने काम में आसानी होगी, जिससे उनका जीवन स्तर भी बेहतर होगा।सूदखोरी से मुक्तिसीएम योगी ने किसानों को सूदखोरी के चंगुल से मुक्त करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उनका कहना था कि पिछले 10 वर्षों में इस दिशा में कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि किसान ऋण माफी और अन्य सहायक योजनाओं के जरिए अपनी आय को स्थिर करें और सूदखोरी से बचें। इसके लिए योगी सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं, जो किसानों को बिना ब्याज के ऋण मुहैया कराती हैं और उन्हें व्यापारिक दृष्टिकोण से स्वावलंबी बनाने की कोशिश कर रही हैं।कृषि और प्रौद्योगिकी (Krishi aur Praudyogiki) के बीच साझेदारीकृषि भारत 2024′ कार्यक्रम में सीएम योगी ने नीदरलैंड्स के साथ द्विपक्षीय बैठक में भी हिस्सा लिया। नीदरलैंड्स, जो कृषि प्रौद्योगिकी और विकास में एक अग्रणी देश है, के साथ साझेदारी से उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र को कई नवाचारों का लाभ मिल सकता है। इस बैठक में कृषि तकनीकी सहयोग के लिए दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जो भविष्य में कृषि क्षेत्र में तकनीकी सुधार और विकास को गति देंगे।कृषि प्रौद्योगिकी के इस क्षेत्र में नीदरलैंड्स की विशेषज्ञता और उत्तर प्रदेश के कृषि संसाधनों का संयुक्त उपयोग एक आदर्श मॉडल साबित हो सकता है। यह साझेदारी न केवल तकनीकी सहायता प्रदान करेगी, बल्कि यह कृषि क्षेत्र में नवाचारों को अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित भी करेगी।कृषि भारत प्रदर्शनी (Krishi Bharat Pradarshani Program)कृषि भारत प्रदर्शनी’ का आयोजन 20,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में किया जा रहा है, जहां कृषि क्षेत्र से जुड़े विभिन्न नवाचारों और उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में 250 से अधिक प्रदर्शक और एक लाख से ज्यादा कृषक और आगंतुक भाग लेंगे। यह प्रदर्शनी कृषि, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, और कृषि सेवाओं से संबंधित नवीनतम उपकरणों और तकनीकों को प्रदर्शित करेगी।कृषि भारत प्रदर्शनी न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश के किसानों के लिए एक बड़ा अवसर है। यहां पर किसानों को न केवल नए उत्पादों और तकनीकों के बारे में जानकारी मिलेगी, बल्कि वे अपने उत्पादों को बाज़ार में लाने के लिए भी नए रास्ते तलाश सकेंगे।प्राकृतिक संसाधनों (Prakritik Sansadhan) का उपयोग और जैविक खेती (Jaivik Krishi)Use of natural resources and organic farming : सीएम योगी ने कृषि की लागत को कम करने और रासायनिक उर्वरकों के बजाय प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग बढ़ाने की दिशा में भी बात की। उनका मानना है कि कृषि को जैविक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से चलाना चाहिए, ताकि दीर्घकालिक विकास संभव हो सके। इसके साथ ही, उन्होंने किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूक करने की बात की। किसानों को प्राकृतिक और जैविक कृषि के लाभों के बारे में बताने से हम न केवल उनकी आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद कर सकते हैं।कृषि को उद्योग (Krishi Udyog) बनाने की आवश्यकताकृषि को एक उद्योग के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है। सीएम योगी ने इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है, जिसमें किसान उत्पादक संगठनों का गठन, विपणन चैनल को मजबूत करना, और कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है।योगी सरकार का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और नवाचारों को अपनाकर इसे और अधिक उन्नत बनाना है। इसके साथ ही, किसानों को प्रशिक्षित कर उन्हें बाजार से जोड़ने के अवसर देना भी इस योजना का हिस्सा है। कृषि समाचार