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भारी बारिश के कारण फसलों को हो सकता है नुकसान: कपास, मक्का और सोयाबीन की देखभाल के लिए सलाह

Rahul Saharan, September 10, 2024September 10, 2024

राम राम किसान साथियों जैसा की आप सभी जानते है की पिछले कुछ समय से राजस्थान में बारिश का मौसम आया हुआ है। पिछले लगभग डेढ़ महीने से मानसून के बाद बरसात बहुत अधिक हो रही है। हाल ही में पिछले कुछ दिनों से राजस्थान में भरी बारिश की स चेतावनी जारी की जा रही है। और किसान तथा आमजन इतनी अधिक बरसात के कारण बहुत अधिक चिंता में है कि यदि बारिश इसी प्रकार आती रहेगी तो सारी फसले खराब हो जाएगी।

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बारिश की इसी स्थिति को देखते हुए मौसम विभाग ने किसानो के लिए कपास, मक्का और सोयाबीन की फसल को बचाने के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी किये है जिनके उपयोग के द्वारा आप अपनी फसल को नुकसान से बचा सकते है।

मौसम विभाग के द्वारा जारी किये गए दिशा-निर्देश-

किसान साथियों बारिश की इसी स्थिति को देखते हुए मौसम विभाग ने किसानो के लिए कपास, मक्का और सोयाबीन की फसल को बचाने के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी किये है जिनके उपयोग के द्वारा आप अपनी फसल को नुकसान से बचा सकते है। जो की निम्नलिखित प्रकार है –

1. सभी प्रकार की खरीफ की फसलों में निराई-गुड़ाई की क्रिया को आवश्यक रूप से करें। जिससे की उनको जड़ों की वृद्धि सही ढंग और अच्छी हो सके। जिसके फलवरूप पानी की खपत को काम किया जा सकें।

2. किसान अपने खेत से बारिश के द्वारा जमा हुए आवश्यकता से अधिक पानी को बाहर निकालने के लिए किसी पानी निकासी का स्त्रोत आवश्यक रूप तैयार करें।

3. किसान साथी भारी बारिश की पूर्वानुमान के आधार पर अपने खेत में करने वाले उर्वरको और कीटनाशको का छिड़काव को बंद कर देवें। तथा जब मौसम साफ हो जाए तब इनका उपयोग कर सकते है।

4. जो किसान धान की खेती करते है वो अपने खेत में पानी के स्तर को लगभग 2-4 सेंटीमीटर तक प्रभावी ढंग से बनाकर रखें।

5. किसान भाई बरसात के मौसम और बरसात की सम्भावना के अनुसार अपनी फसलों में NPK (0:52:32) का छिड़काव अवश्य करें। तथा लगातार अपने खेत की निगरानी करते रहे।

6. यदि आपको पाने खेत में प्रति वर्ग मीटर के अंदर लगभग 3 से अधिक कीट दिखाई देते है तो कीटनाशको का छिड़काव करें।

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7. किसान साथी बरसात की अधिकता को देखते हुए बारिश पर आधारित फसल जैसे अरहर और अरंडी की फसल की खेती कर सकते है।

8. किसान साथी बारिश के पूर्वानुमान के अनुसार जिस जगह पर आपने सब्जियाँ और तिलहन की खेती की है। जहाँ पर बारिश के द्वारा जमा हुए आवश्यकता से अधिक पानी को बाहर निकालने के लिए किसी पानी निकासी का स्त्रोत आवश्यक रूप तैयार करें।

9. किसान साथियो आपकी फसल में जहाँ पर अंकुरण काम हुआ है और फसल नष्ट हो गयी है वहाँ पर आप अल्प अवधि की फैसले जैसे- तिल, ग्वार, सेम आदि प्रकार की फसलों का बिजान कर सकते है।

कपास की फसल को बचाने के उपाय-

किसान साथियो कपास की फसल को नष्ट होने से बचाने के लिए भारी बारिश के द्वारा जमा हुए आवश्यकता से अधिक पानी को बाहर निकालने के लिए किसी पानी निकासी का स्त्रोत आवश्यक रूप तैयार करें। इसके साथ ही फली में पानी भर जाने की स्थिति में फली छेदक (हेलियोथिस आर्मीजेरा) कपास की फली और अनाज को भारी नुकसान पंहुचा सकते है।

इनसे बचाव करने के लिए किसान भाई इंडोक्साकार्ब 15.80 %EC (लगभग 330 Ml/हैक्टेयर) का छिड़काव कर सकते है। फली में पानी भरने की स्थिति में चूहों के द्वारा नरम अनाज को कुतरकर नष्ट कर दिया जाता है। चूहों से बचाव के लिए किसान भाई उनके बिलो के पास फ्लॉकोमफेन 0.005% ब्लॉक बैट के द्वारा बने हुए जहरीले चारे को रखकर के कर सकते है।

मक्का की फसल को बचाने के उपाय-

किसान साथियो कपास की फसल को नष्ट होने से बचाने के लिए भारी बारिश के द्वारा जमा हुए आवश्यकता से अधिक पानी को बाहर निकालने के लिए किसी पानी निकासी का स्त्रोत आवश्यक रूप तैयार करें। मक्का की फसल में अधिक नमी रहने के कारण शीथ ब्लाइट नामक संक्रमण हो जाता है। किसान साथी इससे बचाव के लिए मक्का के तने में कार्बेन्डाजिम 1.5 ग्राम/लीटर अथवा प्रोपिकोनाजोल 1 ग्राम/लीटर को पानी में मिलकर छिड़काव करें।

अगर मक्का की फसल में अधिक नमी में तना गलन का रोग हो जाता है तो किसान साथियो कपास की फसल को नष्ट होने से बचाने के लिए भारी बारिश के द्वारा जमा हुए आवश्यकता से अधिक पानी को बाहर निकालने के लिए किसी पानी निकासी का स्त्रोत आवश्यक रूप तैयार करें। तथा नाइट्रोजन की अधिक मात्रा का प्रयोग नहीं करे।

कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (COC) का 3 ग्राम/लीटर का 12 से 15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करते रहे। इसके साथ ही मक्का में फॉल आर्मी वर्म की आशंका भी रहती है इसके समाधान के लिए किसान साथी क्लोरेंट्रानिलीप्रोल 18.5 SC का 0.3 Ml/लीटर के हिसाब से मक्का की फसल पर छिड़काव कर देवें।

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