आलू के भाव में लगातार गिरावट जारी, जानिए क्या है वजह और आज के भाव Rajendra Suthar, January 8, 2025January 8, 2025 पिछले कुछ हफ्तों से आलू के भाव में निरंतर गिरावट देखने को मिल रही है, जो उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात है। आलू में मंदी के पीछे एक मुख्य कारण आवक में कमी की स्थिति है। वही आलू की फसल की बुवाई का सीजन कई जगहों पर लगभग समाप्ति की ओर है, क्योकि किसान साथी गेंहू जैसी अन्य फसलों की बुवाई के लिए तैयारी कर रहे है। जिससे आलू की आवक बाजार में कम हो गई है । लेकिन, इस गिरावट के पीछे क्या कारण हैं? आज के आलू के भाव क्या हैं? इस लेख में हम आलू के भाव में हो रही गिरावट के कारण और वर्तमान में उसके भाव पर चर्चा करेंगे।आज के आलू के भाव (Aalu Mandi Rate Today)किसान भाइयों यदि पिछले हफ्ते के आलू के भाव से तुलना करें तो इस हफ्ते में थोड़ी गिरावट देखी जा रही है, जो लगभग 100-160 रूपये के आस-पास है। उत्तर-प्रदेश में आलू पिछले सप्ताह (Aalu Price in UP Today) 700 रूपये प्रति कट्टे के भाव से बिक रहा था। अब वह 650-700 रूपये प्रति कट्टे के बीच बिक रहा है। यह गिरावट किसानों और व्यापारियों के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन उपभोक्ताओं के लिए राहत का कारण बन रही है।आलू के आज के भाव भारतीय बाजार में भिन्न-भिन्न स्थानों पर अलग-अलग है, लेकिन कुछ प्रमुख आंकड़े इस प्रकार है –दिल्ली मंडी आलू भाव 2000-2500 ₹/क्विंटलमुंबई मंडी आलू भाव 2000-3000 ₹/क्विंटललखनऊ मंडी आलू भाव 1800-2200 ₹/क्विंटलकोलकाता मंडी आलू भाव 2500-2800 ₹/क्विंटलसिरसा मंडी आलू भाव 800-1050 ₹/क्विंटलझाँसी मंडी आलू भाव 1300-1350 ₹/क्विंटलदुर्गापुर मंडी आलू भाव 1380-1520 ₹/क्विंटलफतेहबाद मंडी आलू भाव 1800-2000 ₹/क्विंटलएलआर आलू के भाव 1200-1300 ₹/ 50kgसफेद आलू के भाव 850 ₹/50kgजंगीराबाद आलू के भाव 650-700 ₹/50kgहालांकि, इन कीमतों में समय-समय पर बदलाव हो सकता है, क्योंकि ये मूल्य स्थानीय आपूर्ति और मांग पर निर्भर करते है। यह बात ध्यान में रखते हुए, वर्तमान में आलू की कीमतों में गिरावट हो रही है और यह उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छा संकेत है।आलू की मंडियों में कुल आवक की बात करें तो कुल आवक लगभग 120 गाड़िया है। जिसमे से 30-40 गाड़िया पिछले दिनों की बताई जा रही है। इस आवक में नया आलू प्रमुख रूप से आ रहा है जबकि पुराने आलू की आवक बाजार में कम दिखाई दे रही है। पुरानी आवक में 4 गाड़ियां चिप्सोना किस्म के आलू की स्टोर की गई हैं और 4 गाड़ियां सूर्या किस्म की हैं। जिससे आलू के भाव पर भी असर पड़ रहा है और नई आवक की अधिकता के कारण कीमतों में हल्की गिरावट देखी जा रही है।क्या यह गिरावट स्थायी है?आलू के भाव में हो रही इस गिरावट को लेकर की सवाल उठते है। क्या यह गिरावट स्थायी है। इसका उत्तर वर्तमान आपूर्ति और मांग के आधार पर कुछ समय के लिए सकारात्मक हो सकता है। लेकिन यह भविष्य में बदल सकता है। मौसम, उत्पादन, मांग और भंडारण की स्थितियों में परिवर्तन के कारण कीमतों में उत्तार-चढ़ाव हो सकता है।वही अगर आलू की आपूर्ति में कमी आती है तो कीमतों में फिर से वृद्धि हो सकती है। लेकिन फिलहाल, अगर वर्तमान आपूर्ति बनी रहती है और बाजर में कोई बड़ी बाधा नहीं आती है तो संभावना है कि कीमतें इस स्तर पर स्थिर रहेगी।आलू के भाव में गिरावट के कारणआलू के भाव में गिरावट कई कारणों से हो रही है। सबसे पहला कारण आलू का उत्पादन बढ़ना है, जिससे आपूर्ति बढ़ी और कीमतें गिरीं। इसके अलावा, आलू की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और अच्छी गुणवत्ता का आलू बड़ी मात्रा में उपलब्ध है, जिससे कीमतों में कमी देखने को मिल रही है। स्थानीयों बाजारों में आलू की आपूर्ति भी बढ़ी है, खासकर उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर-प्रदेश, बिहार और पंजाब से। सर्दी के मौसम में आलू की मांग कम हों और भंडारण की सुविधा में कमी भी इस गिरावट का कारण है।वही पिछले दो सप्ताह की रिपोर्ट को देखें तो आलू की पैदावार पहले के मुकाबले कम बताई जा रही है। हालांकि पिछले साल की तुलना में पैदावार में कमी जरुर देखने को मिल रही है।आलू के भाव में वर्तमान गिरावट उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छा संकेत है। इसके पीछे मुख्य कारणों में बढ़ी हुई आपूर्ति, उत्पादकता, भंडारण की स्थिति और बाजार में कमी आई मांग शामिल हैं। हालांकि, इस गिरावट का असर किसानों और व्यापारियों पर पड़ा है, जो लंबे समय में उनके लाभ को प्रभावित कर सकता है। कुल मिलाकर, आलू की कीमतों का उतार-चढ़ाव सामान्य प्रक्रिया है, और भविष्य में इसकी दिशा मौसम और बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगी। कृषि समाचार