Aaj Ka Kpas Ka bhav : आज का कपास का भाव (Today Kpas Bhav) Sawai Ram, November 4, 2024November 4, 2024 Kpas Price 04 नवम्बर 2024 (कपास भाव ): कपास एक प्रमुख कृषि फसल है जो बाजार में बहुत अहम भूमिका निभाती है। भारत में कपास को सफेद सोना भी कहा जाता है। यह भारत में एक मुख्य धान्य फसल है और बहुत से राज्यों में उगाई जाती है। कपास का पौधा उच्च और मजबूत होता है और इसकी बुआई मुख्य रूप से गर्मियों में होती है।इसकी उत्पादन की उन्नत तकनीक और उत्तम बीज विकास से किसानों की आय बढ़ती है। यह वस्त्र उद्योग के लिए मुख्य रूप से रॉ और कपास की ऊन के रूप में प्रयोग किया जाता है।प्रमुख मंडियों में आज कपास के भाव (Kpas Bhav)बैतूल मंडी कपास का भाव इंदौर मंडी कपास का भाव नोखा मंडी कपास का भाव धामनोद मंडी कपास का भाव बारां मंडी कपास का भाव मेड़ता मंडी कपास का भाव मंदसौर मंडी कपास का भाव खरगोन मंडी कपास का भाव नीमच मंडी कपास का भाव नागौर मंडी कपास का भाव हरदा मंडी कपास का भाव खिरकिया मंडी कपास का भाव आष्टा मंडी कपास का भाव कोटा मंडी कपास का भाव खंडवा मंडी कपास का भाव कपास का इतिहास (History Of Kpas)कपास की खेती बहुत ही बड़ी मात्रा में की जाती है। ऋग्वैदिक काल से ही इसकी खेती की जा रही है। भारत में इसका इतिहास काफ़ी पुराना है। हड़प्पा निवासी कपास के उत्पादन में संसार भर में प्रथम माने जाते थे। कपास उनके प्रमुख उत्पादनों में से एक था। भारत से ही 327 ई.पू. के लगभग यूनान में कपास का प्रचार हुआ।इतिहास में यह भी अंकित है कि भारत से ही कपास का पौधा चीन और विश्व के अन्य देशों में ले जाया गया था। विश्व में प्रतिवर्ष लगभग 150 लाख मीट्रिक टन कपास पैदा होता है। चीन, भारत अमेरिका ब्राजील, सूडान आदि कपास के प्रमुख उत्पादक देश हैं।कपास का रेशों के आधार पर विभाजनलम्बे रेशे वाले कपास सबसे अच्छी किस्म के होते हैं, इनकी लम्बाई 5 सें.मी. से अधिक होती है। इससे उच्च कोटि का कपड़ा बनाया जाता है। तटीय क्षेत्रों में पैदा होने के कारण इसे समुद्र द्वीपीय कपास भी खा जाता हैं। मध्य रेशे वाला कपास, जिसकी लम्बाई 3.5 से 5 सें.मी. तक होती है, मिश्रित कपास कहलाता है। तीसरे प्रकार का कपास छोटे रेशे वाला होता है, जिसके रेशे की लम्बाई 3.5 सें.मी. तक होती है। आज का मंडी भाव