उड़द की कीमतों में आई गिरावट: जानिए इससे किसानों पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? Rahul Saharan, July 16, 2024July 16, 2024 Today Urad Bhav- हाल के दिनों में उड़द की कीमतों में भारी गिरावट आई है, जो किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है। उड़द, जो कि एक महत्वपूर्ण दलहन फसल है, न केवल खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं कि इस गिरावट का किसानों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।किसानो को चिंता है की उड़द के दामों में गिरावट के बाद फसलों के भावों में कमी ना आ जाए। किसानो की इस चिंता को देखते हुए केंद्र सरकार ने किसानों को दालों के बेहतर भाव देने के लिए उड़द की खरीद न्यूनतन समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाएगी साथ ही केंद्र सरकार ने उड़द पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को 450 रूपये बढ़ाकर 6950 से 7400 रूपये कर दिया है।Also Read खेती में जलवायु परिवर्तन का बढ़ता खतरा : जानें विशेषज्ञों की राय उड़द के दामों में गिरावट-पिछले कुछ समय से उड़द के दामों में थोड़ी-थोड़ी गिरावट देखने को मिल रही थी। उड़द के दामों में पिछले कुछ समय से लगभग 3 प्रतिशत के आस पास गिरावट दिखाई दी है। इसके साथ ही बाजार में भी उड़द की कीमतों में अच्छी खासी गिरावट देखी जा रही है। किसानो को उड़द का अच्छा भाव देने के लिए केंद्र सरकार ने NCF और NAFED(भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ) के द्वारा किसानो के रजिस्ट्रेशन की शुरुआत कर दी है।इस बार मानसून की अच्छी बरसात के कारण देख के कुछ राज्य राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु आदि में उड़द की उपज में बढ़ोतरी होने की सम्भावना है। जो कि किसान भाइयो के लिए एक बहुत अच्छी खबर है। इस बार मानसून की अच्छी बरसात के प्रभाव से उड़द की बुवाई के क्षेत्रफल में भी इजाफा हुआ है।केंद्र सरकार ने NCF और NAFED(भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ) के द्वारा किसानो के रजिस्ट्रेशन की शुरुआत कर दी है। जिसमे अलग-अलग राज्यों में किसानो के द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए पंजीकरण करवा लिए गए है। सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश के किसानो ने उड़द को MSP पर बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाए है। तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र के किसानो ने भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए पंजीकरण करवा लिए है।उड़द की कीमतों में आई गिरावट का किसानों पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?आर्थिक प्रभाव : उड़द की कीमतों में आने वाली गिरावट का सबसे बड़ा असर किसानों की आय पर पड़ेगा। जब भाव में कमी आती हैं, तो किसान अपनी फसल बेचने पर उतना मुनाफा नहीं कमा पाते, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है। यह विशेष रूप से छोटे और मध्यम किसानों के लिए गंभीर समस्या है, जो पहले से ही लागत बढ़ने और ऋण के बोझ से जूझ रहे होते हैं।कृषि उत्पादन पर असर : कीमतों में आई गिरावट का एक और प्रभाव यह हो सकता है कि किसान अगली बार उड़द की फसल कम लगाने का निर्णय ले सकते हैं। इससे उड़द की उत्पादन में कमी हो सकती है, जिससे भविष्य में इसकी कीमतें बढ़ सकती हैं। इस प्रकार, बाजार में संतुलन बिगड़ सकता है।रुख परिवर्तन : उड़द की कीमतों में गिरावट किसानों को अन्य फसलों की खेती की ओर मोड़ सकती है। यदि उड़द की कीमतें स्थिर नहीं होतीं, तो किसान अन्य फसलों की ओर आकर्षित हो सकते हैं, जो उन्हें बेहतर लाभ दे सकती हैं। यह कृषि विविधता को बढ़ा सकता है, लेकिन एक बार फिर, अगर अन्य फसलों की मांग भी कम हो जाए, तो किसान फिर से संकट में पड़ सकते हैं।सरकारी नीतियों का महत्व : इस स्थिति में सरकारी नीतियों का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। यदि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने का निर्णय लेती है या उड़द के लिए कुछ विशेष योजनाएं लागू करती है, तो इससे किसानों को राहत मिल सकती है। इसके अलावा, सही समय पर बाजार में हस्तक्षेप करने से कीमतों में स्थिरता लाई जा सकती है।किसान संगठनों की भूमिका : किसान संगठनों का भी इस समय में महत्वपूर्ण रोल होता है। ये संगठन किसानों के अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं और सरकार से उचित मांगें रख सकते हैं। यदि किसान एकजुट होकर अपनी समस्याएं उठाएं, तो इससे उनकी आवाज को मजबूती मिलेगी।निष्कर्षउड़द की कीमतों में गिरावट किसानों के लिए गंभीर आर्थिक चुनौतियां ला सकती है। हालांकि, सही नीतियों और संगठनात्मक समर्थन से इस संकट का सामना किया जा सकता है। किसानों को चाहिए कि वे बाजार की स्थितियों को समझें और विभिन्न फसलों में विविधता लाएं, ताकि वे आर्थिक स्थिरता बनाए रख सकें।Disclaimer– हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल/फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते हैं, हम सिर्फ आप तक बाजार के भाव पहुंचाने का प्रयास करते हैं जिससे आपको अपना निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी सम्बन्धित कृषि मंडी सिमिति से भाव की पुष्टि जरुर कर ले।आपके किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। कृषि समाचार