मानसून की बारिश राजस्थान में होगी बहुत जल्द, जानिए पूरी रिपोर्ट Rahul Saharan, June 22, 2024June 22, 2024 राम राम किसान भाइयों जैसे की आप सब को पता है की पिछले कुछ दिनों से राजस्थान में बारिश का मौसम आ गया है। पिछले कुछ दिनों से पृथ्वी पर तापमान 48 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर चला गया था। बहुत अधिक तेज गर्मी के चलत्ते फसलों में भी भरी मात्रा में नुकसान देखने को मिला है। हाल ही में पिछले 2-3 दिनों से राजस्थान में प्री-मानसून की बारिश हुई है। जिससे आम जनजीवन और फसलों को काफी राहत मिली हैं।प्री-मानसून की बारिश के साथ की किसानो के चेहरे पर खुशी की झलक दिखाई दी है। और प्री-मानसून की बारिश के कारण पृथ्वी का तापमान भी कम हो गया है, जिससे सभी ने राहत की साँस ली है। हालाँकि राजस्थान में अभी भी मानसून का इंतजार है। प्री-मानसून की बारिश के देखते हुए किसान भाइयों का कहना है की इस बार मानसून बहुत अच्छी तरह से बरसेगा।जैसे-जैसे दक्षिणी और पश्चिमी मानसून राजस्थान की ओर आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे राजस्थान में मौसम में बारिश की संभावना का प्रभाव तेज होता जा रहा है। प्री-मानसून की बारिश के कारण तापमान में लगभग 5-6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखने को मिली है। जिससे मनुष्य,जानवर और फसलों को इस भीषण गर्मी से कुछ राहत मिली है।मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान में मानसून जून महीने के अंत तक प्रवेश कर जाएगा। मौसम विभाग की सूचना के अनुसार 26 जून से 28 जून के बीच मानसून के राजस्थान में दक्षिणी- पूर्वी सीमा से प्रवेश करने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष (2024) में मानसून की बारिश सामान्य रहेगी और कुछ हिस्सों में भरी बारिश की संभावना है। और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना काम है।मौसम विभाग के अनुसार प्री- मानसून के कारण राज्य में तापमान में लगभग 6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी गयी है। शुक्रवार को राजस्थान के श्रीगंगानगर,जयपुर,कोटा,टोंक,सवाईमाधोपुर,चितौड़गढ़ और अजमेर में बारिश दर्ज की गयी है। पिछले 24 घंटो में राजस्थान में श्रीगंगानगर में 43.2, कोटा में 40.4,सवाईमाधोपुर में 24,सीकर में 20, अजमेर में 36.7, चितौड़गढ़ में 10.9, चूरू में 13.5 mm (मिमी) बारिश दर्ज की गयी है।राजस्थान में प्री-मानसून और मानसून ला-नीनो और अल-नीनो के प्रभाव के कारण ही एक्टिवेट होता है। अलनीनो का प्रभाव ख़त्म हो जाने और लानीनो के प्रभाव शुरू हो जाने के कारण राजस्थान में प्री-मानसून एक्टिवेट होता है। आप सभी किसान भाईयों के के मन में ये बात जरूर आ रही होगी की ये अल-नीनो पर ला-नीनो प्रभाव क्या होता है। तो आइये जानते है अल-नीनो और ला-नीनो प्रभाव के बारे में।अल-नीनो प्रभाव- इस प्रभाव में प्रशांत महासागर के पूर्वी हिस्से में पानी का तापमान औसत तापमान से कम हो जाता है, जिसके कारण वहाँ पर नमी की मात्रा में कमी आ जाती है। नमी की मात्रा में कमी आ जाने के कारण बारिश होने की संभावना बहुत अधिक कम हो जाती है, जिसके कारण राजस्थान में तूफान और धूल भरी आँधिया चलती है।ला-नीनो प्रभाव- इस प्रभाव में प्रशांत महासागर के पूर्वी हिस्से में पानी का तापमान औसत तापमान से अधिक हो जाता है, जिसके कारण वहाँ पर नमी की मात्रा में बढ़ोतरी होती है। नमी की मात्रा में बढ़ोतरी होने के कारण बारिश होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है, जिसके कारण राजस्थान में प्री-मानसून और मानसून की बारिश होती है।Disclaimer – हम emandibhav.com के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को फसल / फल खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते है, हम सिर्फ आप तक बाजार भाव पहुँचाने का प्रयास करते है, जिससे आपको निर्णय लेने में सहायता हो। अपनी फसल की खरीद फरोख्त करते समय अपनी संबधित कृषि मंडी समिति से भाव की पुष्टि आवश्यक रूप से कर लेवें। आपके किसी भी प्रकार के आर्थिक नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। मौसम समाचार