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खाली पड़ी भूमि में सब्जियाँ उगाकर अधिक मुनाफा कमा सकते है किसान, जानिए सम्पूर्ण जानकारी

Rahul Saharan, June 8, 2025June 8, 2025

राम राम किसान साथियों जैसा की आप सभी को मालूम है की इस समय खरीफ की फसल बुवाई का समय चल रहा है। हर जगहों पर किसान अपनी आवश्यकताओ के अनुसार नरमा-कपास, मूंग, ग्वार आदि की बिजाई कर रहे है। खरीफ की बुवाई के बाद भी कुछ भूमि खाली रह जाती है। तो इस खाली भूमि में किसान भाई सब्जियाँ उगाकर के फसल के अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते है।

किसान साथियों आप अपनी खाली पड़ी हुयी भूमि में या जिस भूमि में पानी को मात्रा में कमी हो अर्थात आप सूखाग्रस्त क्षेत्र में भी सब्जियों को ऊगा सकते है। हरियाणा राज्य के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार अरोड़ा के अनुसार आप कम पानी की आवश्यकता वाली सब्जियों जैसे- घीया, करेला, पेठा, खीरा, रामा तोरी, टिंडा आदि। को उत्तम प्रकार की कृषि प्रणालियों का उपयोग कर के अधिक मुनाफा कमा सकते है।

सब्जियों की बुवाई-

किसान भाइयों हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार अरोड़ा के अनुसार आप मार्च माह में घीया, करेला, पेठा, खीरा, रामा तोरी, टिंडा आदि सब्जियों की बुवाई सीधे ही बीज को बोकर या इनको मसाले में तैयार करके इनकी बुवाई पौध के रूप में भी कर सकते है। और पौध के रूप में इन सब्जियों की बुवाई करने के बाद आप इनमे ड्रिप सिंचाई विधि/ बूंद-बूंद सिंचाई विधि से सिंचाई कर सकते है। मार्च में बुवाई के बाद अप्रेल माह में बढ़ते हुए पौधों का निरीक्षण करते रहना है।

किसान भाइयों घीया, करेला, रामा तोरी या काली तोरी आदि की बेलों को बांस की सहायता से लगभग 5 से 7 फीट की ऊंचाई पर एक जाल नुमा सरंचना जिसे मचान विधि के नाम से जाना जाता है। उसके ऊपर इन बेलों को चढ़ा देना है।

सब्जियों की प्रमुख किस्में-

1. घीया की किस्में-

  • विनायक (VINAYAK)
  • विश्वास (VISHVASH)
  • अनोखी (ANOKHI)
  • सरिता (SARITA)
  • मल्लिका (MALLIKA)
  • माईको-1 (MICO-1)

2. करेला की किस्में-

  • प्रगति (PRGATI)
  • अमनश्री (AMANSRI )
  • प्राची (PRACHI )
  • यूएस-6214 (US-6214)
  • राजा (RAJA)
  • आलिया (AALIYA)
  • प्रकाश (PARKASH)

3. टिंडा की किस्में-

  • माही-टिंडा (MAHI TINDA)
  • हिसार टिंडा-10 (HISAR TINDA-10)

4. काली तोरी की किस्में-

  • सत्या (SATYA)
  • मोहित (MOHIT)
  • लोहित (LOHIT)

5. रामा तोरी की किस्में-

  • अलोक (ALOK)
  • रीचा (RICHA)
  • वाइट (WHITE)
  • अनीता (ANITA)

6. पेठा की किस्में-

  • वीएनआर पी-6 (VNR P-6)

7. खीरा की किस्में-

  • मारिया (MARIYA)
  • सानिया (SANIYA)
  • रोहिणी (ROHINI)
  • मालनी (MALNI)

सब्जियों में खरपतवार नियंत्रण एवं सिंचाई-–

किसान साथियों सब्जियों वाली फसलों में खरपतवार का खतरा सबसे ज्यादा बना रहता है। ऐसे में इन फसलों को खरपतवार से बचाने के लिए किसानों को समय समय पर जैसे ही खरपरवार उगता है तो उसको हाथों से उखाड़ देना चाहिए या किसी अन्य विधि जैसे-कृषि यंत्रो या कीटनाशकों की सहायता से उसको निकाल देना चाहिए। जिससे की इन फसलों में खरपतवार पर नियंत्रण करके फसलों की वृद्धि और उत्पादकता को प्रभावित होने से बचाया जा सके।

किसान साथियों सब्जियों की रोपाई कर देने के पश्चात् इनको आवश्यकता के अनुसार समय समय पर पानी देते रहना चाहिए। इसके साथ ही आपको कुछ और बातों का भी रखना चाहिए। जैसे-

1. सब्जियों की फसल रोपाई के लगभग 9 से 10 दिनों के अंतराल पर सब्जियों के पौधों की सुरक्षा के लिए इंडोफिल एम-45 (मैनकोजैब) को 200-250 ग्राम दवाई को 200-250 लीटर पानी में मिलाकर के प्रति एकड़ के हिसाब से सब्जियों पर छिड़काव कर देवें।

2. किसान भाइयों सब्जियों के पौधों का रस चूसने वाले कीटों से सुरक्षा के लिए नीम का तेल (निंबीसडीन-1500 पीपीएम) को 300 ml मात्रा को 100 लीटर पानी में मिलाकर के सब्जियों पर इस घोल का छिड़काव कर देवें।

सब्जियों की तुड़ाई-

किसान साथियों सब्जियों की बुवाई के लगभग 1.5 से 2 महीने बाद इन पर फूल आ जाते है। और लगभग 60 से 65 दिनों के बाद ये फूल फलों में परिवर्तित हो जाते है। ये फूल फलों में परिवर्तित होने के बाद तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते है। किसाान भाइयों बीज रहित खीरे की तुड़ाई उसकी रोपाई से लगभग 43-45 दिनों के बाद ही शुरू हो जाती है।

किसान भाइयों हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार अरोड़ा के अनुसार जब आप बीज रहित खीरे की तुड़ाई करते है तो उस समय प्रत्येक खीरे का वजन लगभग 180 से 210 आवश्यक रूप से होना चाहिए। खीरो की तुड़ाई करते समय आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान आवश्यक रूप से रखना चाहिए।

  1. किसान खीरे को कभी भी बेल से झटका लगाकर न तोड़े।
  2. किसान खीरे को हमेशा ही कैंची या चाकू की सहायता से डंठल के साथ ही तोड़े।
  3. किसान बेल से तोड़े गए खीरे को सीधे मिट्टी या जमीन पर डाले। जमीन पर डालने से खीरे में दाग पड़ जाएगें और बाजार में इसकी कीमत कम हो जाएगी।
  4. किसान हमेशा खीरे की तुड़ाई दोपहर के बाद ही करें। और शाम के समय खीरो की ग्रेडिंग करके रात को इन खीरो को प्लास्टिक की थैलियों में लगभग 20-21 किलो ही खीरे डालें।

खीरे से उत्पादन-

किसान साथियों खीरा एक ही मुनाफा दायक फसल है। क्योकि खीरे की तुड़ाई शुरू हो जाने के बाद लगभग 3 महीने तक इसकी बेल पर फल लगता रहता है। और खीरे के प्रति पौधे से लगभग 5 से 6 किलो तक खीरा प्राप्त होता है। जिससे की प्रति एक एकड़ में लगभग 500 से 600 क्विण्टल तक का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

मचान विधि से बढ़ाए सब्जियों की पैदावार: जानिए बीज की बुवाई के आसान तरीके

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