जानवरों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण कदम : समय-समय पर करवाएं पशुओं का टीकाकरण Rajendra Suthar, October 12, 2024October 12, 2024 पेस्ट ड्रेस पेटिट्स रूमिनेटस (PPR) एक अत्यंत संक्रामक और जानलेवा बीमारी है, जो मुख्य रूप से बकरियों, भेड़ों और ऊंटों को प्रभावित करती है। इसे आमतौर पर ‘बकरी प्लेग’ भी कहा जाता है। यह रोग भेड़-बकरियों में महामारी की तरह तेजी से से फैलता है और सर्दियों के मौसम में इसके फैलने की संभावना और अधिक बढ़ जाती है।PPR के लक्षणबुखार: इस बीमारी का पहला लक्षण सामान्यतः बुखार होता है, जो अचानक बढ़ता है और पशु की सक्रियता को कम कर देता है।नाक से स्त्राव: रोग से प्रभावित पशुओं में नाक से पानी जैसा स्त्राव होना एक आम लक्षण है।खांसी और न्यूमोनिया: खांसी की समस्या हो सकती है, और कुछ मामलों में यह न्यूमोनिया का कारण बन सकती है।मुंह में छाले: कभी-कभी मुंह के अंदर छाले निकल आते हैं, जो पशु को खाने में परेशानी देते हैं।पतले खूनी दस्त: रोग के कुछ गंभीर मामलों में, पशुओं को पतले खूनी दस्त भी हो सकते हैं।यदि उपरोक्त लक्षण प्रकट हो तो तुरंत पशु चिकित्सा से सहायता ले, क्योंकि यह बीमारी अत्यंत संक्रामक है और इसके उपचार में देरी होने पर पशु की मृत्यु भी हो सकती है।टीकाकरण अभियान (Vaccination Campaign)पशुओं को रोगों से बचाव के लिए सरकार द्वारा PPR रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस टीकाकरण के माध्यम से छोटे पशुओं जैसे भेड़ और बकरियों में रोग नियंत्रण के लिए टीके लगाए जा रहे हैं। इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य उन क्षेत्रों को प्राथमिकता देना है, जहां पिछले वर्षों में इस रोग का आउटब्रेक हुआ है।रिंग वैक्सीनेशन का तरीका अपनाया जा रहा है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों के चारों ओर के स्वस्थ पशुओं को टीका लगाया जा सके। यह कार्यक्रम 20 दिसंबर 2024 तक जारी रहेगा। इसके साथ ही पशुपालक को अपने आधार नंबर और मोबाइल नंबर टीकाकरण टीम को उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि भारत पशुधन एप पर ‘फ्लॉक रजिस्ट्रेशन’ किया जा सके। यह प्रक्रिया टीकाकरण को अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगी।Also Read किसान और बाजार: एमएसपी पर खरीद न होने से लागत मूल्य पर खतरा PPR के फैलाव को रोकने के उपायटीकाकरण सर्दियों से पहले: सर्दियों के मौसम में बीमारी के बढ़ने की संभावना को देखते हुए, टीकाकरण समय पर करवाना उचित रहता है।टीकाकरण की आवृत्ति: चार माह से बड़ी भेड़-बकरियों का तीन वर्षों में एक बार टीकाकरण करवाना आवश्यक है।स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण: केवल स्वस्थ पशुओं का ही टीकाकरण करवाएं। बीमार या कमजोर पशुओं का टीकाकरण न करें।उम्र का ध्यान रखें: भेड़-बकरियों जिनकी उम्र चार माह से कम है, उनका टीकाकरण नहीं करवाना चाहिए।गर्भित पशुओं की जानकारी: गर्भित पशु की जानकारी टीकाकरण स्टॉफ को अवश्य दें, ताकि आवश्यक सावधानियाँ बरती जा सकें।PPR का उपचार तात्कालिक होना चाहिए। यदि आपको अपने पशु में उपरोक्त लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत एक योग्य वेटरनरी डॉक्टर के पास ले जाएं। चिकित्सक उचित उपचार के लिए सलाह देंगे, जो पशु की स्थिति के अनुसार होगा।पेस्ट ड्रेस पेटिट्स रूमिनेटस (PPR) एक गंभीर बीमारी है, जो बकरियों और भेड़ों के लिए अत्यंत खतरनाक हो सकती है। इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए टीकाकरण एक प्रभावी उपाय है। सर्दियों के मौसम से पहले टीकाकरण करवा कर आप अपने पशुओं को सुरक्षित रख सकते हैं।पशुपालकों को चाहिए कि वे रोग के लक्षणों पर ध्यान दें और समय पर उचित कार्रवाई करें। स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण सुनिश्चित करें और गर्भित पशुओं की स्थिति को ध्यान में रखें।अंत में, PPR के उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। इस दिशा में उठाए गए कदम न केवल आपके पशुओं के लिए, बल्कि पूरे समुदाय के लिए लाभकारी होंगे। सावधान रहें और अपने पशुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें। कृषि समाचार