ऑर्गेनिक खेती कर कमाए सालाना 25 लाख रुपए : जानिए पूर्वा जिंदल की सफलता की कहानी Rajendra Suthar, October 8, 2024October 8, 2024 Importance Of Organic Farming, Advantages of Organic Farming, Introduction of Organic Farming: किसान साथियों “जो आप बोओगे, वही काटोगे” — यह वाक्य आज के समय में विशेष महत्व रखता है। भीलवाड़ा की 32 वर्षीय पूर्वा जिंदल का अनुभव, मेहनत और प्रयास से प्राप्त सफलता इस बात का प्रमाण है। उन्होंने कीटनाशकों का इस्तेमाल बंद कर ऑर्गेनिक खेती की ओर कदम बढ़ाया और अब वह सालाना 25 लाख रुपए कमा रही हैं। आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी और ऑर्गेनिक खेती के लाभ।ऑर्गेनिक खेती (Organic Farming) की शुरुआतपूर्वा ने 2020-21 में ऑर्गेनिक खेती शुरू की। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान जब लोग घरों में बंद थे, तब खाद्य सामग्री की कमी महसूस हो रही थी। इस दौरान उनके पिता ने उन्हें ऑर्गेनिक खेती का सुझाव दिया ताकि लोग प्रदूषण मुक्त खाना प्राप्त कर सकें और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें। पूर्वा ने इस विचार पर गंभीरता से विचार किया और सबसे पहले पूरी रिसर्च की। उन्होंने मिट्टी का परीक्षण किया और पाया कि उसकी उपजाऊ क्षमता काफी कम हो गई थी। इसके बाद उन्होंने उसे सुधारने के लिए कदम उठाए और फिर ऑर्गेनिक खेती शुरू की।घर पर भी करें ऑर्गेनिक खेती : पूर्वा का मानना है कि ऑर्गेनिक खेती केवल खेतों तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसे घर में भी छोटे स्तर पर आसानी से किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि गमलों में सब्जियां और फल उगाना आसान है। इसके लिए उचित देखभाल की जरूरत होती है। घर में गोबर की खाद या किचन वेस्ट से कम्पोस्ट बना सकते हैं और उसे गमलों में डाल सकते हैं। इसके अलावा, गोमूत्र का समय-समय पर छिड़काव भी बहुत फायदेमंद होता है।उन्होंने यह भी बताया कि अदरक, हरी मिर्च जैसे प्राकृतिक कीटनाशकों का उपयोग कर सकते हैं। ये प्राकृतिक विकल्प न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि आपकी फसलों की रक्षा भी करते हैं।पूर्वा ने ऑर्गेनिक खेती को केवल अपने तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि अन्य किसानों को भी इस विषय पर जानकारी देकर ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया। वह गांव-गांव जाकर किसानों को समझाती हैं कि कैसे कीटनाशकों के उपयोग से मिट्टी खराब हो रही है और कैसे वे अपने खेतों की उपजाऊ क्षमता बढ़ा सकते हैं।किसान भाइयों के मन में यह सवाल होता था कि ऑर्गेनिक खेती करने में अधिक समय और लागत लगती है। लेकिन पूर्वा ने उन्हें बताया कि बीज से सब्जियां उगाने के लिए अपनी खुद की नर्सरी स्थापित करने से न केवल लागत में कमी आती है, बल्कि यह एक दीर्घकालिक समाधान भी है।Also Read सरसों की फसल के लिए बेहतरीन किस्में: जानें कैसे बढ़ाएं पैदावार ऑर्गेनिक खेती में अक्टूबर 2021 तक, पूर्वा ने विभिन्न प्रकार की फसलें जैसे मटर, स्वीटकॉर्न, बैंगन, चुकंदर, टमाटर, मूली, ब्रोकोली, गाजर, फूलगोभी और स्ट्रॉबेरी लगाई। उनके अनुसार, 20 हजार रुपए की लागत से शुरू किया गया यह व्यवसाय पहले केवल 5 खरीदारों के साथ शुरू हुआ था, लेकिन निरंतर प्रयास और प्रयोगों के द्वारा आज वे प्रतिदिन 1000-1200 खरीदारों को फल और सब्जियां सप्लाई करती हैं।ऑर्गेनिक खेती के लाभ (Benefits of Organic Farming)स्वास्थ्य के लिए लाभदायक : ऑर्गेनिक उत्पाद रासायनिक पदार्थों से मुक्त होते हैं, जिससे ये स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।मिट्टी की उर्वरता : ऑर्गेनिक खेती से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बनी रहती है, जिससे भविष्य में भी अच्छी फसलें मिलती हैं।पारिस्थितिकी संतुलन : ऑर्गेनिक खेती से पर्यावरण को हानि नहीं होती और पारिस्थितिकी का संतुलन बना रहता है।बाजार में मांग : ऑर्गेनिक खेती से उत्पादित उत्पाद लोगों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते है। आजकल लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रहे हैं, जिससे ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग बढ़ रही है।निष्कर्षपूर्वा जिंदल के प्रेणादायक कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद, यदि हम सही दिशा में प्रयास करें, तो सफलता अवश्य मिलती है। ऑर्गेनिक खेती न केवल आर्थिक लाभ देती है, बल्कि यह उत्तम स्वास्थ्य के साथ पर्यावरण के लिए भी अच्छी है। यदि आप भी कृषि के क्षेत्र में कुछ नया करना चाहते हैं, तो पूर्वा की तरह ऑर्गेनिक खेती की ओर कदम बढ़ाएं।इससे न केवल आय में बढ़ोतरी होगी, बल्कि अच्छा स्वास्थ्य और प्रदूषण-मुक्त वातावरण प्राप्त होगा। आइए, हम सभी मिलकर एक बेहतर भविष्य के लिए कार्य करें और अपनी खेती को ऑर्गेनिक बनाएं। Blog कृषि सलाह