प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना (Aatmanirbhar Bharat Rojgar Yojana): ABRY Rajendra Suthar, March 30, 2024March 30, 2024 अक्टूबर 2020 में शुरू की गई, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) ने रोजगार के नए अवसरों के सृजन को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखा। इस योजना ने EPFO के साथ पंजीकृत उद्यमों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है , खासतौर पर उन व्यक्तियों के लिए जिन्होंने महामारी के दौरान अपनी नौकरियाँ खो दीं। इस योजना के तहत, सरकार ने उन सभी नवीन संस्थाओं और उनके कर्मचारियों को लाभान्वित करने का प्रयास किया जिनकी वार्षिक आय 15 हजार रुपये से कम है और जिन्होंने पहले कभी EPFO में पंजीकरण नहीं कराया था।विशेष रूप से, इस योजना ने लगभग 1000 कर्मचारियों तक नियुक्ति देने वाले व्यवसायों के लिए आय के 24% के बराबर योगदान प्रदान किया, जबकि 1000 से अधिक कर्मचारियों वाली बड़ी कंपनियों के लिए केवल कर्मचारी के EPF भुगतान को कवर किया, जो वेतन का 12% है। इस प्रकार, यह योजना रोजगार सृजन को बढ़ावा देने और महामारी के प्रभाव से उबरने में मदद करने के लिए एक प्रमुख कदम साबित हुई।प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना (ABRY) का उद्देश्यआत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना 2024 का मुख्य उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करना और महामारी के प्रभाव से उबरते हुए नौकरी खो चुके व्यक्तियों के लिए नए अवसर प्रदान करना है। इस योजना के तहत, विशेष रूप से उन नागरिकों को लक्षित किया गया है जिनकी वार्षिक आय 15 हजार रुपये से कम है और जिन्होंने पहले कभी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में पंजीकरण नहीं कराया था।यह योजना छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) को विशेष रूप से प्रोत्साहित करती है ताकि वे अधिक से अधिक नए कर्मचारियों को नौकरी पर रख सकें, जिससे न केवल रोजगार सृजन में वृद्धि हो, बल्कि आर्थिक पुनरुद्धार में भी मदद मिले।31 जुलाई, 2023 तक ABRY ने लगभग 7.58 मिलियन नए कर्मचारियों को नामांकित किया और अपने प्रारंभिक रोज़गार सृजन लक्ष्य को हासिल कर लिया।प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना (ABRY) से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्ययदि ईपीएफओ पंजीकृत नियोक्ता सितंबर के माह की तुलना में अधिक कर्मचारियों को नौकरी पर रखते हैं, तो वे आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के अंतर्गत आएंगे। यदि 1 अक्टूबर से 3 जून के बीच आवश्यक संख्या में नए कर्मचारियों की भर्ती की जाती है, तो संबंधित प्रतिष्ठानों को अगले दो वर्षों के लिए इस योजना के तहत लाभ मिलेगा।जिन कर्मचारियों का मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है और वे रोजगार में नई भूमिका में शामिल होते हैं, उन्हें आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त होंगे। वे सभी EPF धारक जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है और जिन्हें 1 मार्च से 30 सितंबर के बीच कोरोनावायरस बीमारी के कारण नौकरी से निकाल दिया गया था और 30 सितंबर तक किसी भी EPF शामिल संस्थान में नौकरी नहीं मिली, वे इस योजना के लाभ के लिए पात्र होंगे।आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के माध्यम से, केंद्र सरकार पात्र नए कर्मचारियों के लिए दो वर्ष की अवधि के लिए EPF के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। 1000 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों के लिए, सरकार कुल वेतन का 24 प्रतिशत के रूप में, नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के योगदान को वहन करेगी। वहीं, 1000 से अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों के लिए, केवल कर्मचारियों के पीएफ योगदान का भुगतान केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा।प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के प्रमुख लाभआगामी दो वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत लाभ प्रदान किए जाएंगे। इस योजना से देश के बेरोजगार व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होगा, जिससे वे अपने परिवार की देखभाल और पालन-पोषण में सहजता से सक्षम हो सकेंगे। जिन संस्थानों में कम से कम हजार कर्मचारी कार्यरत हैं, वहां काम करने वाले नागरिकों को इस योजना के तहत केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता के रूप में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के माध्यम से 24 प्रतिशत लाभ मिलेगा। जिन संस्थाओं में हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं और जो व्यक्ति इन संस्थानों से जुड़े हैं, उन्हें केंद्र सरकार की ओर से केवल 12 प्रतिशत का आर्थिक सहायता दिया जाएगा।इस योजना द्वारा उन व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी जिन्होंने कोरोना महामारी के कारण अपनी नौकरी खो दी है। कोरोना महामारी के कारण प्रभावित नौकरी प्रदान करने वाले संगठनों को भी इस योजना के अंतर्गत प्रोत्साहन दिया जाएगा। जिन कर्मचारियों की सैलरी 15000 रुपये से कम है, उन्हें इस योजना से लाभ होगा।प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर रोजगार योजना के तहत छोटे उद्योगों को बिना किसी गारंटी और गिरवी के लोन उपलब्ध कराया जाएगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में पंजीकृत संगठनों को सब्सिडी दी जाएगी। 1 मार्च से 30 सितंबर के मध्य नौकरी छूटने वाले व्यक्ति इस योजना का लाभ उठाने हेतु आवेदन कर सकते हैं।कामत कमेटी द्वारा निर्धारित 26 संकटग्रस्त क्षेत्रों को, जिनमें स्वास्थ्य सेवा भी शामिल है, प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर रोजगार योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। आत्मनिर्भर निर्माण प्रोडक्शन लिंक प्रोत्साहन के तहत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 10 क्षेत्रों को 1.46 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन प्रदान दिया जाएगा।आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के लिए पात्रताइच्छुक कर्मचारी, संस्थान और लाभार्थियों को भविष्य निधि ईपीएफओ के तहत खुद को पंजीकृत करना होगा। और मासिक आय 15 हजार से कम होनी चाहिए।जिनकी नौकरी 01 मार्च से 30 सितंबर के बीच लॉकडाउन में चली गई और जिन्हें अक्टूबर में फिर से नौकरी मिली, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, भले ही उन सभी को ईपीएफओ में पंजीकृत नहीं किया गया हो।आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना Registrationयोजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक कर्मचारी, संस्थान और लाभार्थियों को भविष्य निधि ईपीएफओ के तहत खुद को पंजीकृत करना होगा। पंजीकरण की प्रक्रिया इस प्रकार है-आवेदनकर्ता को EPFO की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा, वेबसाइट पर होम पेज खुल जायेगा।होम पेज पर Service के विकल्प पर क्लिक कर For Employers पर क्लिक करे।इसके बाद एक नया पेज ओपन हो जायेगा जिसमे Service सेक्शन में ऑनलाइन Online Registration Of Establishment पर क्लिक करे।क्लिक करने के बाद एक नया पेज ओपन हो जायेगा जिसमे साइन अप बटन पर क्लिक करे।इसके बाद आपके द्वारा पूछी गई सभी जानकारी जैसे नाम, ईमेल, मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड डालना होगा।अंत में साइन अप बटन पर क्लिक करना होगा। इस तरह से आपका आवेदन हो जाएगा। सरकारी योजनायें