लौटी बाजार की रौनक: म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) का ₹2 लाख करोड़ का आगाज़ Rajendra Suthar, October 30, 2024October 30, 2024 हाल के दिनों में, भारतीय शेयर बाजार (Share Market) में कुछ विशेष गतिविधियाँ देखने को मिल रही हैं। एक तरफ, विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार से बिकवाली कर रहे हैं, जिससे ₹1.05 लाख करोड़ की राशि निकल चुकी है। अक्टूबर महीने में तो स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है, जब विदेशी निवेशकों ने बड़े पैमाने पर अपने शेयर बेचे हैं। इस बीच, भारतीय बाजार को स्थिरता प्रदान करने के लिए घरेलू म्यूचुअल फंड्स ने ₹2 लाख करोड़ की राशि का निवेश किया है। यह स्थिति दर्शाती है कि कैसे घरेलू निवेशक, विशेष रूप से घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआइआइ), बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।घरेलू संस्थागत निवेशकों का योगदान (Contribution of domestic institutional investors)अक्टूबर माह में डीआइआइ द्वारा शेयर बाजार में ₹99,000 करोड़ से अधिक का निवेश किया गया है। जिसमे जिसमें म्यूचुअल फंड्स की साझेदारी की बात करें तो साझेदारी ₹82,000 करोड़ से अधिक है। यह निवेश न केवल बाजार को मजबूती दे रहा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि घरेलू निवेशक बाजार में अपनी भूमिका को समझते हुए सक्रिय हैं। इसके साथ ही संवत 2080 में, डीआइआइ ने अब तक ₹4.60 लाख करोड़ से अधिक का निवेश किया है, जो इस बात को दर्शाता है कि घरेलू संस्थागत निवेशकों का भरोसा भारतीय बाजार पर दृढ़ बना हुआ है।सेंसेक्स और निफ्टी का प्रदर्शन (Performance of Sensex and Nifty)बाजार में हाल ही में देखे गए उत्तार-चढ़ाव के बीच सेंसेक्स ने 364 अंक की वृद्धि के साथ 80,369 पर बंद हुआ। ख़ास बात यह है कि दिन के निचले स्तर से सेंसेक्स ने 950 अंकों की रिकवरी की, जो घरेलू निवेशकों की सक्रियता को दर्शाता है। वहीं, निफ्टी ने भी 128 अंकों की वृद्धि के साथ 24,467 के स्तर पर बंद हुआ, जो 0.52% की वृद्धि को दर्शाता है।बैंकिंग शेयरों में तेजी (Rise in Banking Share)वर्तमान में बैंकिंग शेयर में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। बैंकिंग शेयर में आई इस तेजी से बाजार को एक नया बुस्ट मिला है। जब विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं, तब घरेलू निवेशक बैंकिंग सेक्टर में तेजी का लाभ उठाकर बाजार को मजबूती दे रहे हैं। यह संकेत है कि घरेलू निवेशकों का भरोसा भारतीय आर्थिक ढांचे पर बना हुआ है।डीआइआइ के भारी निवेश के चलते पिछले एक साल में भारतीय शेयर बाजार में 36% की वृद्धि देखने को मिली है। इस दौरान, सेंसेक्स में 23.6% और निफ्टी में 25.5% की तेजी आई है। यह दर्शाता है कि दीर्घकालिक निवेश की रणनीति अपनाने वाले निवेशक भविष्य में बेहतर लाभ की संभावना देख रहे हैं।इसके साथ ही सिर्फ डीआइआइ ही नहीं, बल्कि खुदरा निवेशकों ने भी इस समय में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। संवत 2080 में खुदरा निवेशकों ने शेयर बाजार में लगभग ₹1.25 लाख करोड़ का निवेश किया है। यह दर्शाता है कि भारतीय बाजार में आम जनता की भागीदारी बढ़ रही है, जो आर्थिक विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत है।निष्कर्षभारतीय बाजार की वर्तमान स्थिति यह दर्शाती है कि भले ही विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हों, घरेलू निवेशक अपनी भूमिका निभा रहे हैं। म्यूचुअल फंड्स और डीआइआइ के निवेश ने बाजार को स्थिरता प्रदान की है। यह समय भारतीय निवेशकों के लिए एक अवसर है कि वे बाजार में अपनी सहभागिता बढ़ाएं और दीर्घकालिक निवेश के फायदों का लाभ उठाएं।बाजार की गतिविधियों पर नज़र रखते हुए, यह महत्वपूर्ण है कि निवेशक अपने निवेश निर्णय को सोच-समझकर लें। बाजार में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक है, लेकिन सही रणनीति और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ, निवेशक सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँच सकते हैं।आगामी समय में यदि विदेशी निवेशक फिर से भारतीय बाजार में विश्वास दिखाते हैं, तो स्थिति और बेहतर हो सकती है। इसलिए, निवेशकों को चाहिए कि वे घरेलू बाजार की संभावनाओं को समझें और अपने निवेश को स्मार्ट तरीके से प्रबंधित करें। Blog